Friday, June 19, 2015

उसके सजदे को कोई यूँही व्यर्थ ने कह दे

मेरे सर पर भी माँ की दुआओं का साया होगा 
इसलिए समन्दर ने मुझे डूबने से बचाया होगा 

 माँ की आगोश में लौट आया है बेटा फिर से 
शायद दुनिया ने उसे बहुत सताया होगा 

 अब उसकी मोहब्बत की कोई क्या मिसाल दे 
जिसने काट के अपना पेट  बच्चों को खिलाया होगा 

 की थी इनायत उमर भर बच्चो  के लिए 
क्या गुजरी होगी उसपे जब हाथ में आया कासा होगा 

 कैसे मिलेगी  जन्नत उस औलाद को 
जिसने माँ से पहले बीवी का फ़र्ज़ निभाया होगा 

और उसके सजदे को कोई यूँही व्यर्थ ने कह दे 
शायद इसीलिए "माँ "  में जन्नत को बनाया होगा। 


Recent Post

Recent Comments

Visitor's

Backlink


Visit blogadda.com to discover Indian blogs | www.hamarivani.com